जीवन में हर चीज़ का एक सही समय होता है। एक समय होता है सीखने का, ज्ञान अर्जित करने का, और एक समय होता है उस ज्ञान का उपयोग करके अपने और अपने परिवार के लिए बेहतर भविष्य बनाने का। मेरे जीवन में भी पढ़ने-लिखने का एक सुनहरा दौर आया था, जब स्कूल और किताबों के साथ मेरा सबसे गहरा रिश्ता होना चाहिए था। लेकिन उस वक्त, पढ़ाई मुझे एक बोझिल और कठिन काम लगती थी। शायद अनुभव की कमी थी, या शायद दुनियादारी की समझ उतनी विकसित नहीं हुई थी।
एक जीवन का अनुभव और परिवार की बढ़ती जरूरतों को सीमित आय से पूरा करना कितना मुश्किल है
जैसे-जैसे उम्र बढ़ी, परिवार की जिम्मेदारियां कंधे पर आने लगीं। पढ़ाई का समय निकल चुका था और कमाने की दौड़ शुरू हो गई। मैंने मेहनत से काम करना शुरू किया, लेकिन जल्द ही यह एहसास हुआ कि केवल शारीरिक श्रम या सामान्य जानकारी से परिवार की बढ़ती जरूरतों को पूरा करना कितना मुश्किल है। आय सीमित थी और खर्चे लगातार बढ़ रहे थे, जिसकी वजह से अक्सर पैसों की तंगी महसूस होने लगी।
यह वही समय था जब मुझे अपनी गलती का एहसास हुआ। काश, उस समय मैंने पढ़ाई को गंभीरता से लिया होता! काश, मैंने किसी एक विषय या क्षेत्र में गहन अध्ययन किया होता, कोई विशेष कौशल सीखा होता! आज जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूँ, तो यह बात शीशे की तरह साफ नज़र आती है कि अगर मेरे पास किसी क्षेत्र की विशेषज्ञता होती, तो शायद आजीविका कमाना इतना कठिन संघर्ष न होता। हो सकता है, पैसा कमाने के लिए मुझे दिन-रात की हाड़तोड़ मेहनत न करनी पड़ती, बल्कि मेरा ज्ञान और कौशल ही आय के अवसर पैदा करता।
आर्थिक स्थिति और परिवार सबसे बड़ी जिम्मेदारी
उस समय की अपनी मजबूरियां याद आती हैं। घर की आर्थिक स्थिति बहुत सुदृढ़ नहीं थी। परिवार में कमाने वाले सदस्यों की संख्या सीमित थी, जबकि तीन बहनों के विवाह का बड़ा और महत्वपूर्ण दायित्व हम पर था। उन दिनों एक भी शादी के लिए लाखों रुपयों की आवश्यकता होती थी - दस से पंद्रह लाख तक का अनुमान था। ऐसे में, जब परिवार को मेरी आर्थिक मदद की ज़रूरत थी, तो मुझे लगा कि पढ़ाई जारी रखना शायद सही नहीं होगा। मैंने परिस्थितियों के आगे घुटने टेक दिए और परिवार की तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने में जुट गया। उस समय मुझे लगा कि यही मेरी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।
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Education is important |
लेकिन आज, जब मैं जीवन के इस पड़ाव पर हूँ और आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा हूँ, तो मुझे उस फैसले का गहरा अफसोस होता है। मुझे यह कड़वी सच्चाई समझ आई है कि शिक्षा केवल किताबें पढ़ना नहीं है, बल्कि यह अपने भविष्य में किया गया सबसे बड़ा निवेश है। यह एक ऐसा धन है जिसे कोई आपसे छीन नहीं सकता और जो समय के साथ केवल बढ़ता ही है। शिक्षा आपको आत्मनिर्भर बनाती है, आपको बेहतर अवसर प्रदान करती है, और जीवन में सही निर्णय लेने की समझ देती है।
भविष्य में बच्चे न दोहराएं
आज मेरी सबसे बड़ी इच्छा और संकल्प यह है कि जो गलती मैंने की, वह मेरे बच्चे न दोहराएं। मैं उन्हें यह समझाना चाहता हूँ कि पढ़ाई कितनी ज़रूरी है। मैं उन्हें बताऊंगा कि कैसे मैंने सही समय पर शिक्षा के महत्व को नहीं समझा और आज उसका परिणाम भुगत रहा हूँ। मैं अपनी पूरी क्षमता और सामर्थ्य से उनके लिए पढ़ाई का बेहतर से बेहतर माहौल बनाऊंगा। मैं हर संभव कोशिश करूंगा कि उन्हें अच्छी शिक्षा मिले, ताकि उन्हें भविष्य में उन्हीं आर्थिक कठिनाइयों का सामना न करना पड़े जिनसे मैं आज गुजर रहा हूँ।
आने वाली पीढ़ी शिक्षा को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता बनाएं
आने वाली पीढ़ी से मेरी यही गुज़ारिश है: अपने पढ़ने के समय की कीमत समझें। पढ़ाई को बोझ नहीं, बल्कि अपने सपनों को पूरा करने का माध्यम मानें। यह मत सोचिए कि अभी समय है, बाद में पढ़ लेंगे। जो ज्ञान और कौशल आप अपनी युवावस्था में हासिल कर सकते हैं, वह आपके पूरे जीवन की नींव बनता है। माता-पिता की सलाह सुनें और शिक्षा को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता बनाएं। याद रखिए, सही समय पर किया गया सही प्रयास आपके पूरे भविष्य को सुरक्षित और उज्ज्वल बना सकता है। मेरी कहानी से सीख लें और शिक्षा के प्रकाश से अपने जीवन को रोशन करें।